tag:blogger.com,1999:blog-2949228965912421026.post1118312474773859475..comments2023-10-16T19:13:59.954+05:30Comments on दीपक भारतदीप का चिंतन: योगशिक्षक होने का आशय अध्यात्मिक गुरु होना नहीं-आलेखdpkrajhttp://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2949228965912421026.post-81783027396910491382009-03-12T20:24:00.000+05:302009-03-12T20:24:00.000+05:30सही कहा है आपने , पूरी तरह से सहमत योग का बाजारीकर...सही कहा है आपने , पूरी तरह से सहमत योग का बाजारीकरण करते करते योग गुरु दंभ व अहंकार में चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर बैठे हैं उन्हें लगता है की लाचार व रोगी व्यक्ति जो निदान की तलाश में आ रहे हैं वो सब उन्हें जीता कर लोक सभा में भेज देंगे व वे देश को आधाय्तमका गुरु बना देंगे <BR/>मीडिया के मोह जल में फंस कर योग गुरु अपने मूल कार्य से भटक गए हैं तथा उन्हें छपास का रोग लग गया हैarun prakashhttps://www.blogger.com/profile/11575067283732765247noreply@blogger.com