tag:blogger.com,1999:blog-2949228965912421026.post3785784924412347399..comments2023-10-16T19:13:59.954+05:30Comments on दीपक भारतदीप का चिंतन: भाषा और लिपि की दीवार खत्म न हो,उंचाई तो कम हो जायेगी-आलेखdpkrajhttp://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2949228965912421026.post-17289980694875769152009-01-26T18:00:00.000+05:302009-01-26T18:00:00.000+05:30सुन्दर ब्लॉग...सुन्दर रचना...बधाई !!--------------...सुन्दर ब्लॉग...सुन्दर रचना...बधाई !!<BR/>-----------------------------------<BR/>60 वें गणतंत्र दिवस के पावन-पर्व पर आपको ढेरों शुभकामनायें !! ''शब्द-शिखर'' पर ''लोक चेतना में स्वाधीनता की लय" के माध्यम से इसे महसूस करें और अपनी राय दें !!!Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2949228965912421026.post-18238257079325486162009-01-17T22:44:00.000+05:302009-01-17T22:44:00.000+05:30आपने सही कहा कि अपने पाठों में अधिक से अधिक सकारात...आपने सही कहा कि अपने पाठों में अधिक से अधिक सकारात्मक सामग्री होना चाहिए , ताकि दूसरे लिपि के पाठको को भी पर्याप्त सामग्री मिल पाए....अच्छे आलेख के लिए बहुत बहुत बधाई।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2949228965912421026.post-77742566295130974382009-01-17T21:47:00.000+05:302009-01-17T21:47:00.000+05:30बढ़िया आलेख प्रस्तुति . बधाईबढ़िया आलेख प्रस्तुति . बधाईमहेंद्र मिश्र....https://www.blogger.com/profile/02639240293870813407noreply@blogger.com