समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

5/11/14

जैसी नीयत वैसी दुनियां-हिन्दी क्षणिकायें(jaise neeyat vaise duniya-three short poem's)



विश्वास की कच्ची मिट्टी में ढले थे,
रूह की रौशनी में चिराग की तरह जले थे।
कहें दीपक बापू चलते रहे यायावर की तरह
नहीं रहा वह पता याद जहां से हम चले थे।
------
कभी ख्वाहिश थी आसमान से तारे तोड़कर जमीन पर लायेंगे,
कुछ खास है हमारी शख्सियत में सभी को बतायेंगे।
कहें दीपक बापू जल्दी टूटे सपने जमीन पर जब गिरे
मुश्किल यह है कि अब अपने दिल को कैसे मनायेंगे।
------------
धरती पर बिखरे हैं फूल भी कांटे भी चाहे जो चुन लो,
ख्याल हो खुश होने का तो रुकना नहीं वरना सिर धुन लो।
कहें दीपक बापू दिमाग में पिरोये हुए है सोच के धागे,
नीयत है तुम्हारी चमकदार या डरावनी दुनियां बुन लो।
----------------

लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak Raj kurkeja "Bharatdeep"
Gwalior Madhya Pradesh

कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://rajlekh.blogspot.com 

यह आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप का चिंतन’पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.अनंत शब्दयोग
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका

No comments:

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें