समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

2/9/11

इश्क और ऊपरी कमाई-हिन्दी हास्य कविता (ishq aur bhrashtachar-hindi hasya kavita)

आशिक के हाथ जैसे ही
हाथ आया नौकरी का लिखित आदेश,
आ गया उसमें खुशी का आवेश,
तत्काल वह मोटर साइकिल लेकर पहुंचा
अपनी माशुका के पास,
जिससे थी उससे पूरी जिंदगी
अपने साथ गुजारने की आस,
उसे वह दिखाते हुए बोला,
‘डार्लिंग,
लो हो गया अपना काम,
इश्क को शादी का दें अब नाम,
मिल गयी मुझे उसी विभाग में
जहां तुम्हारे मौसा जी विराजते हैं,
मुझे छोड़कर दूसरी जगह वही
तुम्हारे लिये रिश्ते ताकते हैं,
बढ़िया वेतन और भत्ते मिलेंगे,
पूरी जिंदगी हमारे लिये खुशी के फूल खिलेंगे।’’

यह खबर सुनकर भी
माशुका का चेहरा नहीं खिला,
भावविहीन चेहरा करता दिखा ढेर सारी गिला,
उसने पहले मुंह बिचकाया,
फिर आशिक का अपने कंधे पर रखा हाथ खिसकाया,
और बोली
‘‘नौकरी किसी कमाऊ विभाग में होती
तो शायद मजा आता,
जहां तन्ख्वाह के अलावा ऊपरी कमाई होती तो
यह समाचार बहुत भाता,
देखा है अपनी मौसी का हाल,
सूखी तन्ख्वाह से मौसा रहे हमेशा बदहाल,
मौसा की कमाई मौसी को मेहनत की लगती है,
इसलिये कहीं भी खर्च करने से भगती है,
उससे तो मेरी सहेली की मौसी मजे में है,
जहां मौसा की ऊपरी कमाई से बाथरूम में भी
पानी के नल भी सोने से सजे हैं,
तुम कहीं दूसरी जगह नौकरी तलाश करो
सूखी संभावनाओं का किसी तरह नाश करो,
तभी तुम्हारे और मेरे इश्क के पल
शादी के फूल की तरह खिलेंगे।
------------

लेखक संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
यह आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप का चिंतन’पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.अनंत शब्दयोग
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
4.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान पत्रिका
5हिन्दी पत्रिका

६.ईपत्रिका
७.दीपक बापू कहिन
८.शब्द पत्रिका
९.जागरण पत्रिका
१०.हिन्दी सरिता पत्रिका  

No comments:

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें