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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

8/11/07

चार प्रकार की जीव होते हैं

हमारे धर्मशास्त्रों के अनुसार इस धरती पर चार प्रकार के प्राणी पाए जाते हैं। इनका संक्षिप्त वीरान इस प्रकार है।
  1. जरायुज-जो गर्भ से झिल्ली में हुए पैदा होते हैं। इनम मनुष्य, सिंह आदि पशु, मृग, दोनों तरफ दांत वाले जीव भी इसमें शामिल हैं।
  2. अन्ड्ज-जो गर्भ से अंडे के रुप में पैदा होते हैं और बाद में अंडे के फूटने से बाहर निकलते हैं। इनमें पक्षी, सांप, मगर, मछलियाँ, कछुआ तथा इस प्रकार के अन्य थलचर और जलचर जीव।
  3. स्वेदज -वह जीव जो उष्मा से पैदा होते हैं। इसमें मच्छर, जूं, मक्खी, खटमल, दंश तथा इस प्रकार के अन्य जीव इस श्रेणी में शामिल है।
  4. उदभिज्ज-बीज तथा शाखा को तोड़कर मिटटी में गाड़ देने से लगने वाले वृक्ष आदि स्थावर जीव उदभिज्ज की श्रेणी में आते हैं। इनमें औषधि वह जीव कहलाते हैं जिसके पौधे फल पकने पर नष्ट हो जाते हैं और जिनमें फल-फूल होते हैं जैसे-धान, जौ आदि फल पकने के बद नष्ट हो जाते हैं। वनस्पति वह कहलाते हैं जो बिना फूल के ही फल देते हैं। फूल लगने के बाद फल लगने वाले को वृक्ष कहते हैं।

1 comment:

Sanjay Tiwari said...

प्रतिक्रिया मिले न मिले यह काम जारी रहना चाहिए.

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