पिछले कई दिनों से ब्लागस्पाट.कॉम के हिंदी संस्करणों में जो परेशानी आई थी वह अभी तक दूर नहीं हुई है। वैसे मेरा अनंत शब्द योग मैं इसके बाड़े प्रकाशित किया है पर उसको अंग्रेजी (भारत)में श्रेणीबद्ध किया है। यह परेशानी कब तक रहने वाली है समझ में नहीं आ रहा है। क्या अब इन ब्लोगों के दुबारा हिंदी में श्रेणीबद्ध करने से काम चलेगा या नहीं। हालांकि मैं देख रहा हूँ कुछ ब्लोग अभी भी निर्बाध गति से छप रहे हैं और श्री परमजीत बाली ने मेरे सुझाव पर उसमें परिवर्तन किया तो उनकी पोस्ट प्रकाशित हो गयी। मेरा अनंत शब्द योग भी अंग्रेजी श्रेणी में काम कर रहा है पर समस्या यह है कि बाकी ब्लोग काम नहीं कर रहे तो उनका क्या करूं? क्या यह सिर्फ चन्द लोगों की समस्या है या सभी ब्लोगर इससे दो चार हो रहे हैं। हो सकता है कि जो ब्लोगर ज्यादा सीख गए हों और उन्होने अपने का पूरी तरह हिन्दीकरण कर लिया हो वही इसे समस्या में फंसे हों और जिन्होंने नहीं किया वह इससे अवगत नहीं हुए।
बहुत समय तक मेरे ब्लोग अंग्रेजी (भारत) श्रेणी में ही थे और मैं उसे पोस्ट कर रहा था, वह तो एक दिन नजर पड़ गयी और मैंने उसको हिंदी में कर लिया। चिट्ठा जगत से समय और तारीख के हिंदी में होने पर उनका अंग्रेजी करण किया तो भी hindi में नहीं ले रहा था। जब वहाँ अंग्रेजी किया तब पोस्ट पब्लिश हुई। अब इस संबंध में ब्लागस्पाट.कॉम को किसी ने बताया कि नहीं। मैं चूंकि अंग्रेजी नहीं जानता इसलिए मुझे संदेह है कि मैं उन्हें समझा पाउँगा, क्योंकि मुझे लग रहा है कि मैंने अपनी बात हिंदी वालों को ही नहीं समझा पा रहा तो उन्हें क्या समझा पाऊंगा। इसलिए मेरा अनुरोध है कि इस संबंध में सक्षम लोग कार्यवाही करें। वैसे मैं न कहूं पर जब हिंदी में काम चल रहा था तो फिर उसमें रुकावट आना ठीक नहीं लगता। अगर शुरू से ही अंग्रेजी में चलता और बीच में हिद्नी में चलने पर रुकावट आती तो कहते कि भाई नया काम है इसलिए चलने दो, पर यहाँ तो अच्छा खासा हिंदी में चलते हुए रुकावट आने लगी है। चलने को अंग्रेजी से काम चल जायेगा पर एक हिंदी प्रेमी होने के नाते यह जानने में मेरी दिलचस्पी है कि आखिर इसमें रुकावट क्यूं आयी और इसका हल होगा या नहीं ।
शब्द तो श्रृंगार रस से सजा है, अर्थ न हो उसमें क्या मजा है-दीपकबापूवाणी
(Shabd to Shrangar ras se saja hai-DeepakBapuwani)
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*बेपर इंसान परिदो जैसे उड़ना चाहें,दम नहीं फैलाते अपनी बाहे।कहें दीपकबापू
भटकाव मन कापांव भटकते जाते अपनी राहें।---*
*दीवाना बना ...
5 years ago
6 comments:
इस पोस्ट को प्रयोग के तौर पर समझें क्योंकि बहुत मुश्किल से आयी है. कम से कम पांच-छः बार प्रयास पर यह आई है-यह तो मैंने देख लिया वरना तो लगा कि वह नहीं छपी है. मतलब समस्या तो है और इसका हल क्या है समझ से परे है.
दीपक भारतदीप
जहाँ समस्याएं हैं वहीं समाधान भी , हमें समस्या का नही समाधान का हिस्सा बनना चाहिए .
I'm facing problem with timestamp. it says that time is not correct. (I guess 'apraahan-poorvaahan' is creating problem). I notified blogger once.
That is whay I posted some of my last posts using email. (There is a feature by which you can send emails to blgger which will automatically get published)
दीपक जी ,आप सही कह रहे हैं..इस समस्या का हल होना ही चाहिए।..हम जैसे हिन्दी भाषीयों को ही ज्यादा परेशानी हो रही है।
हां भाई मेरे आरंभ में भी वही रोग लगा है, आवारा बंजारा वाले संजीत भाई का सहयोग लिया तब मेरे दो पोस्ट आ पाये नहीं तो सात दिन से प्रयास कर रहा था, वो भी टाईम जोन गलत है, अब कुछ छेड छाड करने से भी डर लगता है ।
'आरंभ' छत्तीसगढ से
अपनी समस्या का वर्णन यहाँ लिखें, हिंदी में ही। और अपने स्थल पर अपनी समस्या के वर्णन की कड़ी प्रदान करें। हम सभी भी अपनी समस्याएँ वहाँ प्रकाशित करेंगे।
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