आज महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। भगवान् शिव हमारे आराध्य देवता हैं और हिन्दू आध्यात्म में उनको सत्य स्वरूप माना जाता है। हमारे देश के लोग अनेक देवताओं की पूजा करते हैं और भगवान् शिव सब देवताओं के भी भगवान् हैं। उनको सत्य स्वरूप इसलिए भी माना जाता है क्योंकि उनका चरित्र ही शाश्वत सत्य के निकट दिखाई देता है।
समुद्र मंथन के समय विष पीकर उन्होने पृथ्वी पर जीवन का मार्ग प्रशस्त किया। उसके बाद भागीरथ की तपस्या से प्रभावित होकर श्री गंगा जी को प्रथ्वी पर लाने से पहले अपनी जटाओं में धारण कर उसके वेग से बचाया। अपने भक्तो की संक्षिप्त तपस्या से ही प्रसन्न होने के कारण उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। आज उनका लोग स्मरण कर उनसे इसी तरह पृथ्वी पर जीवन की रक्षा की आशा करते हैं।
उन भगवान् शिव जी को मैं नमन करता हूँ और अपने मित्रों, पाठको और साथियों को शुभकामनाएँ देता हूँ।
शब्द तो श्रृंगार रस से सजा है, अर्थ न हो उसमें क्या मजा है-दीपकबापूवाणी
(Shabd to Shrangar ras se saja hai-DeepakBapuwani)
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*बेपर इंसान परिदो जैसे उड़ना चाहें,दम नहीं फैलाते अपनी बाहे।कहें दीपकबापू
भटकाव मन कापांव भटकते जाते अपनी राहें।---*
*दीवाना बना ...
4 years ago
1 comment:
शुभकामनाएँ...
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