भ्रमजाल फैलाकर सिंहासन पा जाते-दीपकबापूवाणी (bhramjal Failakar singhasan
paa jaate-DeepakbapuWani
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*छोड़ चुके हम सब चाहत,*
*मजबूरी से न समझना आहत।*
*कहें दीपकबापू खुश होंगे हम*
*ढूंढ लो अपने लिये तुम राहत।*
*----*
*बुझे मन से न बात करो*
*कभी दिल से भी हंसा...
6 years ago
2 comments:
काम चलाऊ कह सकते है आप, ज्यादा कारगर नही.
"अगर यह पढने में आती है तो इसका मतलब यह है जिनके पास हिन्दी फॉण्ट है और अन्य उपयोग नही है ती वह ऐसे भी काम कर सकते हैं"
आपका मतलब है कि जिन लोगों के पास रेमिंगटन हिन्दी फॉन्ट हैं वो बिना किसी टूल के भी ये टाइप कर सकें और पढ़ने वाले भी इस इमेज को बिना उस फॉन्ट के पढ़ सकें।
मैं आपकी बात समझ रहा हूँ लेकिन भईया ऐसा उल्टा काम करने की जरुरत क्या है। आपका मतलब है कि इस तरीके से बिना Indic IME के भी आप रेमिंगटन फॉन्ट की मदद से हिन्दी टाइप कर पाएंगे। लेकिन भईया पोस्ट पब्लिश करने तो ऑनलाइन होना ही पढ़ेगा न। इस सारे झंझट से अच्छा है कि यूनिनागरी के रेमिंगटन टूल का उपयोग करके पोस्ट लिख ली जाए, वो सबको दिखेगी भी झकास।
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