समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

4/17/07

अपने धर्म पर अटल रहना

दोस्त हम ऐसा चाहें
जो वक्त पर काम आये
पर कितना सोचते हैं कि
हम दोस्तो के काम आयें
ऊपर से लेकर नीचे तक
खुदगर्जी भरी है खुद में
फिर क्यों दुसरे से वफ़ा की
उम्मीद हम लगाएं
वक्त पर काम आने का वादा
हर समय वफादारी करने की
क़समें उठाना आसान है
किस्मत ही समझो अपनी
जो कौई और हम से
या हम ही किसी से निभाएं
------------------------
प्यार से धोखे का
दोस्ती से गद्दारी का
ईमान से बैईमानी का
अगर रिश्ता न होता
तो कौन निभाने की क़समें खाता
विश्वास, वफ़ा और नेकनीयती का
मोल क्या रह जाता
फिर भी तुम प्यार, दोस्ती और ईमान का
दामन कभी नहीं छोड़ना
और इन्सान चाहे शैतान बन जाएँ
चाहें कितने भी ठोकरें लगाएं
सारी उम्मीदें छोड़कर अपनी
शख्सियत पर इंसानियत ओढ़े रहना
-----------------------------
उसने नहीं निभाया
मैं भी नहीं निभाऊंगा
यह सोचकर दगा कभी नहीं करना
हालात आदमी को वफादार और
गद्दार बनाती है
भूख आदमी को बैईमान और
मिटटी से बने शरीर की
कई मजबूरियों को समझ लो
अपने धर्म पर अटल रहना सीख लो
रंग बदलती इस दुनियां में
नीयत हर पल बदल जाती है
-------------------------

No comments:

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें