देश के बिक जाने का डर
वही लोगों को दिखा रहे हैं।
इतनी बड़ी धरती को
हड़प लिया है दलालों के मार्फत
अब ईमानदारों में अपना नाम लिखा रहे हैं।
अपने काले कारनामों पर डाला है पर्दा
दूसरों को नैतिकता सिखा रहे हैं।
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देश हित का अर्थ भला
अब हमें कौन समझायेगा,
जब जेब भरकर हर कोई मौन हो जायेगा।
अपने काले कारनामों पर
जब तक पड़ा है पर्दा
देश उनके लिये सुरक्षित है,
जो लीक होगी कोई बात
तब टेलीफोन पर
खतरे की टोन बजायेगा।
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लेखक संपादक-दीपक ‘भारतदीप’,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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