यह जो दिल्ली में आजादी वाजादी का जो अभियान चल रहा है, उससे राष्ट्रवादियों को अधिक परेशान नहीं होना चाहिये। आजकल प्रचार में विज्ञापन युग है जिसमें समाचारों का होना भी जरूरी है। इसलिये चार प मिलकर-पूंजीपति, प्रचारक, पथप्रदर्शक तथा प्रबंधक-मिलकर जनता को व्यस्त रखने के लिये ऐसे प्रायोजन करते रहेंगे ताकि उनके अन्य काले व्यवसायों पर किसी का ध्यान न जाये और वह अनवरत चलते रहे। हम अंग्रेजी में चार म (four 'M")भी कह कह सकते हैं-मनीलैंडर,(MoneyLender) मीडिया, (Media) माइंडगेम प्लेयर (MindGame Player) तथा मैनेजर(Menager)।
आपने हिन्दी फिल्मों के अभिनेता और सांसद का एक पान मसाले का विज्ञापन देखा होगा जिसमें वह कहते हैं कि ‘हम इधर भी खिलाते हैं तो उधर भी खिलाते हैं।’ लोग टीवी चैनलों पर समाचार देखना कम कर रहे हैं इसलिये कोशिश यह हो रही है कि ऐसे सनसनीखेज समाचार बनवाकर प्रस्तुत किये जायें जिससे लोगों में तीव्र जज़्बात जागें और वह समाचार के साथ बहसों के साथ भी बने रहें। संभव है कि इस तरह का प्रयोजन हो जिसमें कुछ युवा यह सोचकर आ जाते हों कि हो सकता है कि आगे चलकर कहीं कोई सम्मान आदि मिल जाये-बदनाम होकर संभव किसी टीवी शो में भी काम मिल सकता है। आजकल नाम और नामा पाने के लिये मरे जा रहे हैं-बेरोजगारी इस देश में कम नहीं है-इसलिये थोड़े समय में एक अभिनय करने से अगर दोनों मिलें तो कौन छोड़ना चाहेगा? सो यही चक्क्र है।
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