भारत पचास ओवर के मैचों की श्रंखला आस्ट्रेलिया से हार गया पर बीस ओवर के मैच में उसने फिर आस्ट्रेलिया को सात विकेट से हरा दिया। एक दिवसीय मैचों में जिस तरह आस्ट्रेलिया भारत पर हावी था वैसे ही इस बीस ओवर के मैच में भारत के खिलाड़ी उस पर हावी थे । दक्षिण अफ्रीका में बीस ओवर के विश्वकप के सेमीफाइनल में जिस तरह आस्ट्रेलिया के खिलाड़ी हैरान हो रहे थे वैसे ही आज के मैच में भी हुए। अपने वरिष्ठ खिलाडियों के बोझ से मुक्त होने के बाद भारत के खिलाड़ी किस तरह खतरनाक हो जाते हैं यह इन बीस ओवर के मैचों से जाहिर होता है।
भारत के खिलाडियों को देखकर नहीं लगता कि वह कोई आस्ट्रेलिया की परवाह करते हैं। चाहे जो गेंदबाज आ रहा है उसको मारने के लिए तैयार हो जाते हैं। किसी खिलाडी के आउट होने की चिंता नहीं दिखाते। चाहे जो क्षेत्र रक्षक हो उसके सामने से रन ले जाते हैं। अगर हम यह कहते हैं कि पचास ओवर और बीस ओवर की मैच की तकनीकी में अंतर है तो हमने तो आस्ट्रेलिया को पचास ओवर के मैच भी बीस ओवर की तरह खेलते देखा है-फिर भारत के खिलाडियों को उसमें क्या दिक्कत आती है? अब यह बात साफ हो गई कि भारत के खिलाडियों पर पचास ओवर के मैच में कुछ ऐसे दबाव हैं जो वह झेल नहीं पाते। वैसे यह दाव अच्छा लग गया है। पचास ओवर के मैच में पिटने के बावजूद भारत में बीस ओवर की आड़ में क्रिकेट लोकप्रिय हो रहा है और इसलिए अनफिट खिलाड़ी पचास ओवर के मैच खेलकर अपना काम चलाते रहेंगे और युवा खिलाडी बीस ओवर में मैच जितवा कर भी पचास ओवर की टीम में जूनियर की तरह खेलेंगे।
हालांकि भारत की फील्डिंग बहुत खराब थी पर कोई आस्ट्रेलिया वाले भी इस मामले में खरे नहीं उतरे और उन्होने ओवर थ्रो कर भारत का बोझ हल्का किया। वह भी इस दबाव में थे कि अब तो भारतीय खिलाड़ी खुलकर प्रहार करेंगे और उनसे डरने वाला कोई नहीं है और न ही कोई बैट से गेंद को आगे धकेल कर पीछे भागने वाला है। जो भी खेलेगा वह रन के लिए भाग लेगा सो अंधाधुंध थ्रो किये जिसे भारतीय खिलाडियों को कम से कम बारह रन अधिक मिले और वह आराम से जीत गए। कुल मिलाकर क्रिकेट अब चाहे बीस ओवर का हो या पचास ओवर का बहुत फास्ट हो गया है और अब इसे नये खिलाड़ी खेल सकते हैं। में टीवी पर पुराने क्रिकेट खिलाडियों के बातें सुन रहा था और मुझे नहीं लगता कि वह इस खेल से ज्यादा वाकिफ है क्योंकि सभी पचास ओवर में अनुभव को जरूरी बता रहे हैं। उनकी बातों को सुनकर नहीं लगता कि उन्हें विश्व की अन्य टीमों का ज्ञान है। वह सिर्फ भारत के खिलाडियों को ही देखकर अपने विचार रखते हैं और एक दिवसीय विश्व कप में भारतीय खिलाडियों ने निहायत खराब प्रदर्शन किया उसका उन्हें ध्यान है। बंगलादेश से हार को आज भी पुराने क्रिकेट प्रेमी पचा नहीं पा रहे।
भारतीय टीम के युवा खिलाडियों को इस जीत पर बधाई। वास्तव में जिस तरह वह एक जुट होकर वह बीस ओवरों के मैचों में खेलते हैं वह तारीफ के योग्य हैं। अभी पचास ओवर में भारतीय टीम बहुत पीछे है और उम्मीद करते हैं कि युवाओं को उसमें मौका मिलेगा तो उसमें भी वह ऐसा ही खेलेंगे।
भारतीय टीम के युवा खिलाडियों को इस जीत पर बधाई। वास्तव में जिस तरह वह एक जुट होकर वह बीस ओवरों के मैचों में खेलते हैं वह तारीफ के योग्य हैं। अभी पचास ओवर में भारतीय टीम बहुत पीछे है और उम्मीद करते हैं कि युवाओं को उसमें मौका मिलेगा तो उसमें भी वह ऐसा ही खेलेंगे।
2 comments:
भारत की टीम के साथ साथ आपको भी जीत की बधाई.
बहुत मज़ेदार रहा आपका यह पोस्ट,भारत की जीत की बधाई.
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