समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

1/14/12

चंद पल की मुलाकात-हिन्दी शायरियाँ (chand pal ki mulakat-hindi shayriyan kavitaen or poem)

चंद पलों की मुलाकात
ज़िंदगी भर का रिश्ता नहीं बनाती,
इंसानों की नीयत और ख्याल
बदलते देर नहीं लगती,
पल भर में मिलने की खुशी
हक़ीक़तों के सामने आते ही होती काफ़ूर
फिर हमेशा सताती।
कहें दीपक बापू
फिर भी बेजुबानों पर भरोसा किया जा सकता है
जुबान वालों  का क्या
पल भर में उनकी बात बदल  जाती,
किसी की नीयत समझने का दावा करना बेकार है
जो बार बार मतलब देखकर बदल जाती।
-----------------
इश्क में आशिक
आसमान से तारे तोड़ने की
बात कुछ यूं करते हैं,
गोया उसके खरीदने के लिए
ज़मीन पर किस्तें भरते हैं।
कहें दीपक बापू
वादों का क्या
चाहे जब जिससे जितने कर लो,
बस अपना भरोसा किसी के दिल में भर लो,
कहने वालों का क्या
भले बाद में फँसने वाले
वादाखिलाफी पर आहें भरते हैं।
संकलक, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप,ग्वालियर 
athor and editor-Deepak  Bharatdeep, Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.शब्दलेख सारथि
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
४.शब्दयोग सारथी पत्रिका
५.हिन्दी एक्सप्रेस पत्रिका 
६.अमृत सन्देश  पत्रिका

No comments:

हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

विशिष्ट पत्रिकायें