रिमोट से
टीवी पर
चैनल लोग यूं ही
बदलते जाते हैं।
दिल का हाल
बदलने के लिये
कोई रिमोट बना नहीं
यह सोच परेशान हुए जाते हैं।
कहें दीपक बापू कोई पूछे हमसे
आंखें बंद कर ध्यान से
कैसे दिल के चैनल बदले जाते हैं,
यह अलग बात है कि
बाहर कुछ दिखता नहीं
अंदर अहसास किये जाते हैं।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak Raj kurkeja "Bharatdeep"
Gwalior Madhya Pradesh
कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://rajlekh.blogspot.com
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