प्यार में कभी-कभी धोखे भी हो जाते हैं
हर आदमी जिंदा है अपने यकीन के साथ
मिलन के बाद अपना यकीन
एक दूसरे पर थोपते नज़र आते हैं
जो जीता वही विजेता कहलाता है
जो हारा गुलाम हो जाता है
इसलिए होती है रिश्तों में जंग
हो जाता है हारने वाला तंग
पहले प्यार करने वाले
एक दूसरे के यकीन का कत्ल
करते नजर आते हैं
मोहब्बत तो होती है पल भर
रिश्ते रहते हैं जिन्दगी भर
इसलिए हम ख्यालों के साथ ही
रिश्ते जोड़े जाते हैं
वही दूर तक चल पाते हैं
प्रश्न यह नहीं कि यकीन कैसा है
जो जीते हैं अपने यकीन के साथ
वही ले पाते हैं खुली हवा में सांस
जो ओढ़ते हैं मजबूरी में
प्यार और मोहब्बत के नाम
पराये यकीन का साथ
वह जिंदगी में गुलाम हो जाते हैं
प्यार और मोहब्बत के ख्वाब तो
पल में हवा होते हैं
पर यकीन के बिना
साथ नहीं निभाए जाते हैं
शब्द तो श्रृंगार रस से सजा है, अर्थ न हो उसमें क्या मजा है-दीपकबापूवाणी
(Shabd to Shrangar ras se saja hai-DeepakBapuwani)
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*बेपर इंसान परिदो जैसे उड़ना चाहें,दम नहीं फैलाते अपनी बाहे।कहें दीपकबापू
भटकाव मन कापांव भटकते जाते अपनी राहें।---*
*दीवाना बना ...
5 years ago
2 comments:
यकीन के बिना - साथ नहीं निभाए जाते हैं - अब प्यार में क्या ज़ायज और क्या नाज़ायज। लेकिन यकीन सबसे पहले। पहली सीढ़ी, पहली उम्मीद और साथ ही पहला भरोसा।
बहुत खूब..
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