बंदूक बनाने वाले को
उसके विक्रय सलाहकार ने
बिक्री बढ़ाने का
मशविरा कुछ इस तरह दिया
‘शहर भर के कातिलों और लुटेरों को
अपनी बंदूकें इस्तेमाल के लिये
मुफ्त प्रदान कर दो,
चाहो तो कमीशन से भी उनका मुंह भर दो,
उनको अपना पेशा तो उनको करना है,
किसी तरह पेट भरना है,
जहां वारदात होगी,
तुम्हारे बंदूक के इस्तेमाल की भी खबर होगी,
मुफ्त में विज्ञापन हो जायेगा,
हर कायर अपनी सुरक्षा के लिये
तुम्हारी बंदूक खरीदने आयेगा।
कत्ल और लूट की एक वारदात में
एक बंदूक का इस्तेमाल होगी
पर तुम्हारे यहां लाखों का सौदा चला आयेगा।।’’
कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियरउसके विक्रय सलाहकार ने
बिक्री बढ़ाने का
मशविरा कुछ इस तरह दिया
‘शहर भर के कातिलों और लुटेरों को
अपनी बंदूकें इस्तेमाल के लिये
मुफ्त प्रदान कर दो,
चाहो तो कमीशन से भी उनका मुंह भर दो,
उनको अपना पेशा तो उनको करना है,
किसी तरह पेट भरना है,
जहां वारदात होगी,
तुम्हारे बंदूक के इस्तेमाल की भी खबर होगी,
मुफ्त में विज्ञापन हो जायेगा,
हर कायर अपनी सुरक्षा के लिये
तुम्हारी बंदूक खरीदने आयेगा।
कत्ल और लूट की एक वारदात में
एक बंदूक का इस्तेमाल होगी
पर तुम्हारे यहां लाखों का सौदा चला आयेगा।।’’
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