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दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका

3/21/15

बीबीसी की बला भारत का गला-हिन्दी व्यंग्य चिंत्तन(bbc ki bala bharat ka gala-hindi satire thought article)



    
          यह बीबीसी क्या बला है? संभवतः अंग्रेजों का कोई भोंपू है जिसका स्वर और दृश्य भारतीय भोंपू ही हमें सुनाते हैं।  इस विश्व की जनसंख्या छह अरब करीब है जिसमें से आधी तो चीन और भारत की है।  हमारे देशी भोंपू यह बताते हैं कि बीबीसी नाम का भोंपू विश्व में सबसे अधिक सुना और देखा जाता है पर जनसंख्या की दृष्टि से यह बात सही नहीं लगती।  डेढ़ करोड़ चीनी और सवा करोड़ भारतीयों में कम से कम बीबीसी की कोई छवि नहीं है।
          भारतीय भोंपू पहले बीबीसी का रुदन सुनाते हैं फिर उस बहस करते हैं-दोनों ही स्थिति में उनका विज्ञापन का समय पास होता है। हमारा मानना है कि भारतीय प्रचार कर्मियों में आत्म सम्मान और विश्वास दोनों की कमी है।  खाते हिन्दी से है बजाते अंग्रेजी की हैं।  बीबीसी और सीएनएन की बातें अपने चैनल या समाचार पत्र में प्रकाशित कर यही दर्शाते हैं कि उनके पास उधार के मसले ही प्रसारण के लिये हैं।  भारत के लोगों को अपने ही मसलों से फुर्सत नहीं है।  उसे यह पता नहीं कि बीबीसी और सीएनएन जैसे अंग्रेजी प्रसारण संस्थानों को हिन्दी चैनल वाले उसी तरह अपना पितामह मानते हैं जैसे कि देशी विद्वान विदेशी विचारकों मानते हैं।
          बीबीसी जब कोई भारतीय समाचार प्रसारित करता है तो उसका उद्देश्य अपने ही राष्ट्रीय हित की रक्षा करते उसमें ऐसी बातें शामिल करता है जिससे विवाद बढ़े।   स्वयं को लोकतांत्रिक, मानवाधिकारों की रक्षा का पहरेदार तथा अभिव्यक्ति का शहंशाह समझने की प्रवृत्ति अंग्रेजों में स्वाभाविक रूप से है और बीबीसी उसी को ही प्रतिबिंबित करता है।  भारतीय सस्कृति को लघु और अपनी संस्कृति को महान साबित करने में उसे सफलता भारत के दोहरी मानसिकता वाले विद्वानों के कारण ही मिलती है। यह विद्वान मानते हैं कि न खाता न बही, बीबीसी जो कहे वही सही।
          सच यह है कि बीबीसी का नाम अब भारत में अधिक लोकप्रिय नहीं है और भारतीय प्रचार माध्यम उसे केवल उसका नाम केवल अपनी वैश्विम स्तर पर संबद्धता दिखाने के लिये ही लेते हैं।
लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप,
ग्वालियर मध्यप्रदेश
writer and poet-Deepak Raj kurkeja "Bharatdeep"
Gwalior Madhya Pradesh

कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://rajlekh.blogspot.com 

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