अपने रियलटी शो में वह इतना
रियल हो जाते हैं
कि घर के झगडे
टीवी के सामने लाते हैं
फिल्म के परदे पर
प्रेम करने वाले भी
जोरदार झगडा करते हुए
बहुत जल्दी अपनी औकात पर उतर जाते हैं
उनकी रियलटी में न तो प्रेम है न झगडा
सब जगह केवल झूठ बेचते नजर आते हैं
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भ्रमजाल फैलाकर सिंहासन पा जाते-दीपकबापूवाणी (bhramjal Failakar singhasan
paa jaate-DeepakbapuWani
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*छोड़ चुके हम सब चाहत,*
*मजबूरी से न समझना आहत।*
*कहें दीपकबापू खुश होंगे हम*
*ढूंढ लो अपने लिये तुम राहत।*
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*बुझे मन से न बात करो*
*कभी दिल से भी हंसा...
6 years ago
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