क्योंकि पेड़ पौधे, पक्षु और पक्षी
पानी को तरस रहे हैं।
आम इंसान को खुशफहमी है कि
देवता उस पर मेहरबान है
उनकी पूजा पर ही ध्यान है,
कुछ इनमें ऐसे भी है
जो राहत का करते हैं व्यापार
सूखा जाता देख उनका दिल झूलस रहे हैं।
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अपने हर ख्वाब को
सच में बदलता देखकर भी
इंसान हताश हो जाता है,
अब नया कौनसा देखे
यह सोचकर परेशानी जुटाता है।
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कवि, लेखक और संपादक-दीपक भारतदीप, ग्वालियर
http://anantraj.blogspot.com
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